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लेकिन कल, आपातकाल। मैंने सोचा कि हम हमेशा हवा में रहेंगे। सदैव स्वर्ग में रहेंगे। मैंने आपको चुटकुला सुनाया था, हाँ? मैंने आपको चुटकुला सुनाया था। और फिर आप हमेशा के लिए यहीं पृथ्वी पर रहो, मैं हमेशा के लिए स्वर्ग में रहूँगी। क्या करें? मैं असहाय हूं। मैं हवाई जहाज़ में हूँ, पूरी तरह अंदर फँसी हुई। हिल भी नहीं सकती, खड़ी भी नहीं हो सकती, खोल भी नहीं सकती। क्योंकि उस वक्त वे आपको इजाजत नहीं देते। सबको ऐसे ही रहना होता है। […] मेरे बगल वाली महिला, वह... और उनके पैर ज़मीन पर थिरक रहे थे। मैंने देखा उसके पैर का अंगूठा इस तरह अंदर आता है। […]